भारतीय ज्योतिष मूलतः देश-काल-पात्र के साथ-साथ भाव-राशि-ग्रह-नक्षत्र-दशा पर आधारित है। इन सबकी ज्योतिषीय गणना एवं विश्लेषण (Astrological Calculation & Analysis) से ही ज्योतिषीय परिणामों की प्राप्ति होती है। यहाँ हम यह कह सकते हैं कि यह एक गणितीय विज्ञान की गणना एवं विश्लेषण (Calculation & Analysis of Mathmetical Science) है। इसके लिए केवल आवश्यकता है एक ज्ञानी एवं अनुभवी व्यक्ति की जिसको हम सभी ज्योतिषी के नाम से जानते हैं।”
एक नवजात शिशु के भविष्य के बारे में केवल एक ज्योतिषी ही बहुत कुछ बता सकता है, जो कि दुनिया का कोई भी विज्ञान या वैज्ञानिक नहीं बता सकता है। भारत में सभी पारंपरिक त्यौहार भी ज्योतिषीय गणना पर ही आधारित होते है और भारत सरकार भी इन्हीं को मानती है। इस प्रकार हम यह कह सकते हैं कि ज्योतिष एक उच्च स्तर का विज्ञान (Super Science) है। लेकिन दुर्भाग्यवश समाज के एक वर्ग ने इसे एक चमत्कार के रूप में स्थापित कर दिया है।”
भारतीय ज्योतिष के अनुसार मानव जीवन में अधिकतम सुख 40% होता है और न्यूनतम दुःख 60% निर्धारित है। सदैव स्मरण रहे कि मानव जीवन में अधिकाँश चीज़ें पूर्व निर्धारित होती हैं लेकिन हमें इनकी जानकारी नहीं होती है लेकिन व्यक्ति अपने कर्म एवं ज्योतिषीय मुहूर्त के माध्यम से अपने जीवन में अनुकूलता (Positivity) में वृद्धि और प्रतिकूलता (Negativity) में कमी कर सकता है।” आवश्यकता है केवल एक ज्ञानी एवं अनुभवी ज्योतिषी की । यह कभी ना भूलें की ज्योतिष एक उच्च स्तरीय गणितीय विज्ञान के साथ-साथ आस्था का विषय भी है ।
आज समाज में आत्मविश्वास बढ़े और अन्धविश्वास भागे इसी के सन्दर्भ में मैनें यह संक्षिप्त ज्योतिषीय परिचय अपने प्राप्त ज्योतिष ज्ञान, ज्योतिष शिक्षा, ज्योतिषीय अनुभव, सामाजिक अनुभव, एवं व्यक्तिगत अनुभव के आधार पर लिखा है I